➡️ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील कुमार जायसवाल
✍🏻एम डी न्यूज – एम पी स्टेट हेड ब्यूरो चीफ अरविंद साकेत
मध्यप्रदेश विन्ध्य के सीधी जिले के एक छोटा सा गांव शिवगढ़ है, जो वर्तमान मे सिंगरौली जिले के सरई नगर परिषद के वार्ड 11 के रहने वाले हैं गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं, उनका बचपन ही बहुत जटिल रहा है, लगभग जब वे 10वर्ष के थे तब उनके पिताजी को आजीवन कारावास हो गया था वह जेल चले गये तब उनको परिवार चलना बहुत मुशकिल हो गया, उनकी माँ दूसरो के घरों मे बनी-मजदूरी करने जाती थी व नेता जी स्कूल से खाली समय में वो भी माँ के साथ काम करते थे,एक घटना घटी जब वह 10 वीं कक्षा में पढ़ते थे तब किसी कारणों से उनका व उनके साथियों का छात्रवृत्ति नहीं आया,उन्होंने साथियों के साथ शिक्षकों व वरिष्ट समाजसेवियों को आवेदन दिये लेकिन कोई नहीं सुना, तब वो विवश होकर अपने साथियों के साथ मिलकर एक टीम बनाये जिसका नाम पिछड़ा समाज क्रान्ति सेना था जो आगे चलकर वह ओबीसी महासंघ बन गया, लड़े और आगे चलकर वे सफल हूए और सभी छात्रों को उनकी छात्रवृति मिल गयी तब सभी छात्र सहपाठीगण् व शिक्षकगण् उन्हे “नेताजी” कह कर बुलाने लगे जो आज मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश की राजनीति में एक बड़ा चेहरा बन चुका है, आज ओबीसी एससी एसटी माइनॉरिटी व गरीब सवर्ण समाज की एकता का नया आयाम तथा हक-आधिकारों की लडाई की मशाल बन गए हैं , जो मध्यप्रदेश में देखा जा रहा है, इनकी भूमिका अग्रणी है कई वर्षों से देखा जा रहा है कि बीजेपी, कांग्रेस व आप पर ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर हमेशा हमलावर रहे हैं जज्वा,साहस,निडरता,अख्खणपन,संविधान एवं महापुरुषों की अच्छी जानकारी ओजस्वी क्राँतिकारी वक्ता सामने कितनी भीड़ हो उसको अपनी वाणी से अपनी ओर आकर्षित करने की भरपूर क्षमता रखते हैं , लगभग 500 से ज्यादा छोटी बड़ी सभाएं,रैली,आँदोलन,चक्काजाम कर चुके हैं,जो विभिन्न दिनांक को किऐ, 2019 में 03 जनवरी को सरई मे शा.हा.से.स्कूल के मैदान मे जन्मदिन के अवसर पर गुरूजन व वरिष्ठ जनों के माध्यम से संविधान चर्चा कराये व निर्णय लिया गया कि प्रत्येक सप्ताह के रविवार को गाँव-गाँव जाकर भारतीय संविधान व आधिकारों की जानकारी – गुरूजन व वरिष्ठ जनों के द्वारा दी जाएगी, जिसकी शुरूआत भी इन्होंने की थी मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कई बड़े कार्यक्रम में भी इनकी बहुत बड़ी भूमिका रही है, ओबीसी आरक्षण को लेकर दो बार सीएम आवास घेराव 28 जुलाई 2021व 2 जनवरी 2022, देश की राजधानी मे 25जुलाई2022 को SRA के साथ मिलकर कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया व जंतर-मंतर मे और महापुरूषो के आस्त्वि को लेकर 01अगस्त2022 सरई के चक्काजाम आंदोलन किऐ व इनके ऊपर कई मुकदामें भी दर्ज हैं, बड़े-बड़े अदोलनों से मध्यप्रदेश की राजनीति के आँकड़े बदलते हुए दिख रहे हैं।
▪️देशभर में ओबीसी समाज के हक अधिकारों की आवाज उठाऐ
मध्य प्रदेश ही नहीं पूरे देश में ओबीसी समाज के हक अधिकारों की आवाज जिस तरीके से इन्होंने उठाई है बहुत ज्यादा सराहनीय है यह ओबीसी समुदाय के कलार जाति से आते हैं मध्यप्रदेश के राजनीति में काफी प्रभाव है और इनकी पकड़ आज की स्थिति में मूलनिवासी समाज में काफी ज्यादा है।
▪️प्रदेश की राजनीति में इनका बड़ा चेहरा,बड़े-बड़े आंदोलन को अंजाम दिया
मध्य प्रदेश की राजनीति में एक इतिहास बना कि ओबीसी महासंघ,जयस, भीम आर्मी,गोंडवाना गणतंत्र पार्टी,समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी,सभी ओबीसी महासभा,पिछड़ा समाज पार्टी,अपाक्स,मूलनिवासी संघ व पिछड़ा वर्ग संयुक्त मोर्चा एक साथ मिलकर एक बड़े अंदोलन को अंजाम दिये जिसमें बहुत बड़ी भूमिका इनका रहा है। इसलिए प्रदेश व देश की राजनीति में इनका बड़ा चेहरा देखा जा रहा है ओबीसी महासंघ के माध्यम से बेबाक बोलते हैं ओबीसी समाज के मुद्दों पर इनको बहुत बड़ा सपोर्ट एससी एसटी माइनॉरिटी व गरीब सवर्ण समाज से मिलता है यह सुनील जायसवाल की बहुत बड़ी ताकत है।
▪️बीजेपी,कांग्रेस व आप के बड़े-बड़े नेताओं से भी ज्यादा रहते है सुर्खियों मे
बीजेपी,कांग्रेस व आप के नेताओं से भी ज्यादा मध्य प्रदेश में छवि देखी जा रही है,ये वह व्यक्ति हैं जिनका परिवार का कोई राजनीतिक कैरियर ना होने के बाद भी इतने कम उमर मे बीजेपी,कांग्रेस व आप के बड़े-बड़े नेताओं से भी ज्यादा चर्चे मे रहते हैं टीवी,अखबारों,सोशलमीडिया प्लेटफार्मों से लेकर जमीन तक इनकी चर्चा लगातार देखी जा रही है,, इस चेहरे को ज्यादा दिन तक छुपा कर नहीं रखा जा सकता।
▪️ओबीसी मुद्दे को लेकर बीजेपी,काग्रेस व आप पर हमेशा रहते है हमलावर
यह हमेशा ओबीसी मुद्दो को लेकर बीजेपी,काग्रेस व आप पर हमलावर रहते हैं। इन्होंने बीजेपी,कांग्रेस व आप को अपने तक आने के लिए अभी तक कोई रास्ता ही नहीं दिया जिसके कारण बीजेपी,कांग्रेस व आप इनके संपर्क से दूर रहे हैं अगर मध्यप्रदेश में तीसरा विकल्प बनता है तो बहुत बड़ी योगदान रहेंगा।
▪️आखिरकार बीजेपी,कांग्रेस व आप जैसे बड़े राजनैतिक पार्टियों में शामिल क्यों नहीं हुए सुनील कुमार जायसवाल
जब हमारे रिपोर्टर अरविंद साकेत ने सुनील जायसवाल से एक सवाल पूछा कि आप बीजेपी,कांग्रेस व आप जैसे बड़े राजनैतिक दलों में शामिल क्यों नहीं हो जाते हैं तो उनका जवाब था कि मैं ऐसा काम कर रहा हूं जिसका बीजेपी,कांग्रेस व आप दूर-दूर का कोई वास्ता नहीं हैं बीजेपी,कांग्रेस व आप ओबीसी विरोधी रहे हैं यह अगर हितैसी है तो विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर ओबीसी को संविधान की 9वी अंकसूची मे डालकर उसको आंधिकार दे देते और कोर्ट का समस्या खत्म हो जाता इन पार्टीयों का उद्देश्य पिछड़ा वर्ग समाज को गुलाम बनाने का रहा है। इन पार्टियों में जाति तथा समाज के नाम पर बड़े चेहरे काम कर रहे हैं पर पार्टियों की गुलामी करते है और मैं पिछड़ा वर्ग समाज के हक अधिकारों को लड़ाई सड़क से लेकर सांसद तक लड़ना चाहता हूँ अगर मैं इन पार्टियों में चला गया तो इनकी आइडीलोजी में फिट नहीं बैंठूगा जिससे इन पार्टियों को बड़ा झटका लग सकता है इसलिए मेरे से यह पार्टियां दूर रहती हैं। और मै इन पार्टीयों से हमेशा दूर रहता हूँ।
▪️मूलनिवासी विचारधारा से दूर जाकर कोई भी काम नहीं कर सकता – सुनील जायसवाल
इन्होंने कहा मेरे ऊपर जो जो मेरे समाज का संगठन ओबीसी महासंघ के सभी वरिष्ठ साथियों,युवा,मातृशक्ति,छात्र,वुजुर्गो को मुझ पर बहुत विश्वास है और मै कभी भी ओबीसी महासंघ व मूलनिवासी विचारधारा से दूर जाकर कोई भी काम नही कर सकता हमारी मूलनिवासी विचारधारा से बीजेपी,काग्रेस व आप की विचारधारा मेल नही खाती है यह पार्टियाँ ओबीसी,एससी,एसटी समाज का वोट लेते है व उनके अधिकारों की बात नही करते, ओबीसी ,एससी,एसटी के नेताओं को गुलाम बनाकर अपनी पार्टी में रखते हैं व उनके अधिकारों का हनन करते हैं उनके पार्टी के ओबीसी के एक भी विधायक-सांसद ओबीसी आरक्षण व वंचितो के हक-आधिकारों की बात नही करते हैं ।