पिछले पांच वर्षों से पेयजल टंकी का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा, साथ ही पानी टंकी की सीढ़ियां टूटकर बिखर गयी
✍🏻एम डी न्यूज एम पी स्टेट हेड ब्यूरो चीफ अरविंद साकेत
वैढ़न,सिंगरौली। नल जल योजना से ग्राम पंचायत खैरा में पिछले पांच वर्षों से पेयजल टंकी का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। इसके साथ ही पानी टंकी की सीढ़ियां टूटकर बिखर गयी हैं। ज्ञात हो कि 2016-17 में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दौरा हुआ था। जहां उन्होंने ऐलान किया था कि ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल घर-घर उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिए टंकियों के माध्यम से घर-घर नल की टोटिंया लगेंगी।ताकि बहनों एवं माताओं को पानी के लिए भटकना न पड़े और घर में ही टोटियों के माध्यम से शुद्ध पेजयल मिल जाया करेगा। मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बाद जनपद पंचायत चितरंगी के प्रथम चरण में पांच पंचायतों को चिन्हित किया गया। जिसमें खैरा ग्राम पंचायत शामिल था। बताया जा रहा है कि वर्ष 2017 में नल जल योजना के तहत करीब 125 करोड़ रूपये की मंजूरी भी मिली।
पंचायत में क्रियान्वयन एजेंसी पीएचई के माध्यम से कार्य भी शुरू हुआ। किन्तु यह निर्माण कार्य तकरीबन पांच साल से अधर में लटका हुआ है। संविदाकार ने आधा-अधूरा पेयजल टंकी का कार्य कराकर कोरोना काल 2020 के बाद से खैरा पंचायत में आने से गुरेज करने लगा। इतना ही नहीं अब पेयजल टंकी के निर्माण कार्य की पोल भी खुलने लगी है।
आरोप है कि गुणवत्ताविहीन कार्य के चलते पेयजल टंकी की सीढिय़ा टूटकर लटक गयी हैं और कुछ सीढिय़ां क्षतिग्रस्त हो गयी हैं।यहां के ग्रामीणों का आरोप है कि गुणवत्ताविहीन कार्य के साथ-साथ निर्धारित मापदण्ड के अनुसार मटेरियल का उपयोग नहीं किया गया। लिहाजा निर्माणाधीन टंकी के कार्य की असलियत सामने आने लगी है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जब अभी टंकी के सीढिय़ों की यह हालत है तो बाद में स्थिति क्या होगी। जिस तरह से सीढिय़ा क्षतिग्रस्त हुई हैं.ऐसे में जब टंकी में पानी भरेगा और उस पर दबाव बनेगा तो कभी भी टंकी भरभराकर गिर सकती है। ग्रामीणों ने इस कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट कराते हुए गुणवत्ता विहीन निर्माणाधीन पेयजल टंकी की जांच कराकर दोषी पीएचई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों एवं संविदाकार के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।लाखों रूपये की लागत से निर्माणाधीन पेयजल टंकी के कार्य की गुणवत्ता पर तरह-तरह के सवाल उठाये जाने लगे हैं। शैशवकाल में जब टंकी की आधी सीढिय़ां क्षतिग्रस्त हो गयीं। फिर जब कभी पेयजल टंकी चालू हो जायेगी तब क्या होगा? आरोप लगाया जा रहा है कि जिस वक्त निर्माण कार्य कराया जा रहा था घटिया मटेरियल को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने घोर नाराजगी जाहिर करते हुए आपत्ति किये थे।
ग्रामीणों के आपत्ति को संविदाकार ने नजरअंदाज कर दिया था। यहां तक की इसकी जानकारी उस दौरान पीएचई विभाग के अधिकारियों को भी फोन के माध्यम से दी गयी थी। इसके बावजूद पीएचई अमला गंभीरता से नहीं लिया और अब निर्माणाधीन पेयजल टंकी अपने आप गुणवत्ताविहीन कार्य की बया करने लगी है।खैरा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना काल 2020 के बाद से ही पेयजल टंकी का कार्य बंद है और पाइपें भी पूरी तरह से नहीं बिछाई गयीं।