जायदाद हड़पने के लिए विवाहिता को निकाला घर से

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जीवित को मृतक दर्शाकर मायके वालों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने का प्रयास

मानव दर्पण न्यूज,/ बलीकुददीन अन्सारी तहसील प्रभारी गोला खीरी
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गोला गोकरण नाथ खीरी- भीरा थाना क्षेत्र के ग्राम रम्पुरवा मजरा दरियाबाद में निःसंतान विवाहिता की जायदाद हड़पने के उद्देश्य से ससुराल वालों ने मारपीट कर घर से निकाल दिया। अब उसे मृत दर्शाकर मायके वालों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने की साजिश रची जा रही है। जिससे पीड़िता अपने जिंदा होने का प्रमाण लिए दर दर भटक रही है। भीरा थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत दरियाबाद के मजरा रम्पुरवा निवासी मुस्तफा की पत्नी साबरून का कहना है कि 50 वर्ष पूर्व उनकी शादी मुड़िया हेमसिंह में मुस्तफा पुत्र गफूर के साथ मुस्लिम कानून के मुताबिक हुई थी,जो अब रम्पुरवा में 13 वर्षों से रह रहे हैं। इस दरम्यान दंपति के कोई संतान न होने पर ससुरालियों ने घरेलू हिंसा कारित करते हुए हत्या करने के पुख्ता इरादे से कई बार कातिलाना हमला किया। पीड़िता पर हुए जुर्म की सूचना पाकर मायके वालों ने 2019 में भीरा थाना में तहरीर देकर साबरून को अपने साथ कुकरा ले आए।
पीड़िता का कहना है कि उसका नाम साबरून बल्द मकदूम अंसारी है। जबकि ससुरालियों ने जायदाद और सुख सुविधा से वंचित करने के इरादे से साबरून के स्थान पर आधार कार्ड, पहचान पत्र, बैंक पासबुक, राशन कार्ड आदि अभिलेखों में साबरून के स्थान पर जैतून दर्शाकर सदैव के लिए रिश्ता खत्म कर देने की शाजिस रची। पीड़िता का कहना है कि उसने मायके से जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र के साथ तहसीलदार,एसडीएम से शिकायत की, जिसमें ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा जारी परिवार रजिस्टर की नकलों में जो मुस्तफा की पत्नी के रूप में साबरून नाम दर्ज हैं, वह भी लगाया। अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट उच्च स्तर पर भेज दी किंतु ससुरालियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़िता का कहना है कि जायदाद के लालच में ससुरालियों ने उसके भाई और भतीजे पर हत्या कर देने की साजिश रचते हुए प्रार्थना पत्र दिए हैं। जिसकी एक माह पूर्व सीओ प्रवीण कुमार यादव ने जांच करते हुए साबरून सहित मायके वालों के बयान भी दर्ज कराए थे। साबरून का कहना है कि अभी वह जिंदा है फिर भी ससुराल वाले जायदाद हड़पने के चक्कर में निरंतर नई साजिश रच रहे हैं। पीड़िता ने परिवाद न्यायालय में अपने गुजारा भत्ता व घरेलू हिंसा का मुकदमा किया है, जो विचाराधीन है। उसकी पैरवी मायके वाले कर रहे हैं, इससे ससुराली जन उन्हें फंसाने का कुचक्र रच रहे हैं, जिससे कि वह साबरून की पैरवी न कर सकें।

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