लोकनायक, शोषितों और वंचितों के मशीहा,आरक्षण के जनक क्षत्रपति शाहू जी महराज को नमन, कुछ पंक्तियों में  ……

इस खबर को सुनें

आरक्षण के जनक शाहू जी

(एम डी न्यूज़ रिपोर्ट :संपादक:डॉo अजय मित्रा )

जातिवाद और ऊंचनीच का जहर भरा था भारत में।
मनुज मनुज को छू न सकता ऐसा भी था भारत में।

पिछड़ों दलितों के ऊपर जुल्म बहुत ही होते थे।
अपनी किस्मत पर बेचारे वे छुप-छुप कर रोते थे।

सरकारी नौकरी करने का पिछड़ों को अधिकार न था।
पशुओं जैसा जीवन था करता कोई प्यार न था।

26 जून 1874 में एक महापुरुष का जन्म हुआ।
यूं समझो कि कोल्हापुर में एक मसीहा उदय हुआ।

नाम था उनका शाहू जी वे छत्रपति कहलाते थे।
ऊंचनीच का बंधन तोड़ा सबको गले लगाते थे।

समता और समानता के वे सच्चे संरक्षक थे।
दलितों पिछड़ों के सच पूछो वे ही सच्चे रक्षक थे।

सन् 1902 में पिछड़ों को आधा हक दिलवाया था।
सामाजिक न्याय व्यवस्था में ये भारी कदम उठाया था।

आरक्षण के जनक इसलिए शाहू जी कहलाते हैं।
सम्मान में उनके इसीलिए हमसब शीश झुकाते हैं।

– एड. रमाकान्त चौधरी

हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
अभी यहाँ क्लिक करके डाउनलोड करें  
स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now