महाबोधि महाविहार के प्रबन्धन नियंत्रण का अधिकार बौद्धो को सौंपा जाय को लेकर सौंपा ज्ञापन

इस खबर को सुनें

बोधगया मंदिर अधिनियम 1949 और इसके प्रशासन के संदर्भ में अनुच्छेद 13, 25 और 26 के तहत न्याय की मांग

(एम डी न्यूज़ रिपोर्ट : संपादक डॉo अजय कुमार मित्रा )

लखीमपुर खीरी :

तहसील गोला गोलागोकरन नाथ में बोधगया मंदिर को लेकर उपजिलाधिकारी गोला के द्वारा मुख्यमंत्री विहार सरकार को लेकर ज्ञापन सौंपा गया जिसमे अधिनियम-1949, महाबोधि मंदिर के प्रबंधन और नियंत्रण को हिंदू और बौद्ध प्रतिनिधियों के संयुक्त बोर्ड को सौंपता है। इसके तहत 9-सदस्यीय प्रबंधन समिति बनाई गई, जिसमें हिंदू बहुमत (5 हिंदू, 4 बौद्ध) रखा गया। इस समिति के अध्यक्ष हमेशा एक हिंदू ही होते हैं।
महोदय उक्त अधिनियम के कारण हिन्दू बहुल समिति बौद्धों को उनके अधिकारों से वंचित रखती है और यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वधरोहर के साथ छेड़छाड़ कर बौद्ध धर्म के मूल स्वरूप को बदलने का निरन्तर प्रयत्न कर रही है, जिससे बौद्ध धम्म का मूल अस्तित्व खतरे में पड़ता प्रतीत हो रहा है।
अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों (जैसे, हिंदू मंदिर, मस्जिद, चर्च) के प्रशासन पर किसी अन्य धर्म का नियंत्रण नहीं है, फिर महाबोधि मंदिर पर हिंदू बहुमत क्यों? इस आधार पर, यह अधिनियम अनुच्छेद 26 का स्पष्ट उल्लंघन करता है।
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू होते ही अनुच्छेद 13. ने उक्त अधिनियम 1949 को (शून्य) मतलब खत्म कर दिया है इसलिए महाबोधि महाविहार के प्रबन्धन नियंत्रण का अधिकार बौद्धो को सौंपा जाय ताकि बौद्धो को प्रसाशन करने का अधिकार बरकरार रहे । जिसमे
डॉo बाबूराम गौतम तहसील अध्यक्ष, प्रवीण कुमार आर के गौतम दिनेश कुमार प्रजापति, अरमान खान अभिषेक कुमार आकांक्षा प्रतापपुर, ब्रह्मा प्रसाद बौद्ध  बहुजन कथावाचक एवं संविधान विद्यार्थी , ठाकुर प्रसाद खूबचंद गौतम जिला पंचायत सदस्य रामकृष्ण चौधरी एडवोकेट छत्रपाल एडवोकेट संत कुमार भारती एडवोकेट ,सुनील कुमार चौधरी एडवोकेट, धर्मप्रकाश एडवोकेट विक्रम सिंह, डॉo टी पी गौतम, पवन कुमार, विजयपाल ठाकुर प्रसाद एडवोकेट , डॉo अजय कुमार मित्रा परसादी लाल, मुस्कान भूपपुर, अवनीश कुमार नरेंद्र कुमार, डोरेलाल भार्गव आलोक कुमार,सुरेश आदि लोग मौजूद रहे

हमारे  नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट , और सभी खबरें डाउनलोड करें
अभी यहाँ क्लिक करके डाउनलोड करें  
स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे
Donate Now