मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, लॉकडाउन और WFH… क्या फिर लौटेंगे वो दिन? कोरोना का BF.7 वैरिएंट ने बढ़ाई टेंशन
(एम डी न्यूज़ रिपोर्ट : डॉo अशोक कुमार यूपी स्टेट हेड )
पिहानी पुलिस पैदल गस्त के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क लगाने के अपील की
पिहानी कोतवाल बेनी माधव त्रिपाठी ने पुलिसकर्मियों को दिए निर्देश, कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लोगों को करें प्रेरित
नवनीत कुमार राम जी
चीन में कोरोना के कोहराम के बीच कोतवाल बेनी माधव त्रिपाठी, अतिरिक्त कोतवाल पी पी सिंह ,कस्बा इंचार्ज रजनीश त्रिपाठी, उप निरीक्षक मोहम्मद अजीम, उप निरीक्षक अनिल सिंह, उप निरीक्षक कन्हैया लाल, राजेश कुमार, पवन सिंह ,विनोद त्रिपाठी ,विकास कुमार, साजिद ओमवीर यादव ,तनवर, दीपक तोमर, समेत कई पुलिसकर्मियों ने कस्बे व क्षेत्र के लोगों को सलाह दी है कि लोग मास्क पहनें और कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर का पालन करें। इसी के साथ लोगों को 2020-21 के वो दिन याद आने लगे जब मास्क अनिवार्य था और सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ने पर जुर्माना लगता था। अब लोग एक बार फिर ये सवाल पूछ रहे हैं कि कस्बे में एक बार से ऐसी नौबत आएगी।
चीन में बाढ़ की तरह अचानक कोरोना की आमद, अस्पतालों और श्मशान घाटों की डरावनी तस्वीरें, अस्पताल में इलाज के लिए मचा हाहाकार. इन घटनाओं ने कस्बे वासियों को 2020-21 के अप्रैल मई की याद दिला दी। कस्बे की जनता सपनों में भी उन दिनों को जीना नहीं चाहेंगी। सड़कों पर पैदल चलते प्रवासी मजदूरों की कतारें, हर चीज को पकड़ने-छूने में झिझक, अफवाहों से पैदा हुई झूठी-सच्ची कहानियां और अस्पताल जाने पर जिंदगी-मौत का अनुभव।
2020 और 2021 में कस्बे ने कोरोना के दौरान जो देखा वो आज की पीढ़ी शायद ही भूल पाए। तब मास्क हर सांस का अनिवार्य हिस्सा था। सोशल डिस्टेंसिंग जिंदगी में शामिल हो चुका था। मेडिकल व किराने के दुकान पर बनी गोलाकार निशान ये चीजें हमें अनुशासन सिखा गईं। हजारों लोगों के लिए उनका दफ्तर आलिशान कॉरपोरेट ऑफिस से निकलकर छोटे-छोटे कमरों में वर्क फ्रॉम होम की शक्ल में सिमट गया. लंबे-लंबे लॉकडाउन का जो दौर हमने देखा है उसे शायद ही कोई अपनी जिंदगी में रिपीट करना चाहेगा।
अभी चीन की जो हालत है उसे देखकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कड़ाई से होगा, बिना टेस्टिंग या बिना कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट के आवाजाही में परेशानी होगी।या फिर अगर स्थिति हल्की सी भी गंभीर हुई तो क्षेत्र में भी सूनी सड़कें देखने को मिल सकती है. इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम और लॉकडाउन जैसा माहौल भी बन सकता है. हालांकि अभी इसकी आशंका न के बराबर है.