मेंबरआफ उर्दू अकाडमी ने शमा रौशन कर गजलयाती मुशायरा का आगाज किया!
(मानव दर्पण न्यूज़ / बलीकुददीन अन्सारी तहसील प्रभारी गोला खीरी)
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गोला गोकरण नाथ खीरी- कस्बा कुकरा में बजमें चिरागे अदब के जेरे एहतमाम में मेहमानें खुशूसी हाजी जहीर अहमद
मेंबरआफ उर्दू अकाडमी ने शमा रौशन कर गजलयाती मुशायरा का आगाज किया!
मुशायरा की निजामत आसिम काकोररवी ने की !
मुशायरा हाजी जाहिर कीजेरे सर प्रस्ती में हुआ!
मोहतरमा निकहत अमरोही,
ने महबूब के लिए पेश किया, तेरी चाहत से इंकार नहीं कर सकती ,
फिर भी जो हद है वो पार नहीं कर सकती।
हाशिम फिरोजाबादी
ने अपने अनदाज में कलाम पेश किया ,
और क्या चाहिये इक बदन के लिए,
ये तिरंगा बहुत है कफ़न के लिए
सरहदों पर हमें भेजकर देखिए,
जान दे देंगे हम भी वतन के लिए”
वेद ऋचा माथुर दिल्ली ने कुछ यूं कहा,
हमें अपना बनाकर साथ तुम बस छोड़ मत देना,
जो खाई है कसम उसको कसम से तोड़ मत देना
मोहतरमा खुशबू रामपुरी ने जननत पर कुछ यूं कहा,
वह हकीकत में जन्नत का हकदार है,
जिसने मां-बाप का हक अदा कर दिया !
(आसिम काकोररवी )ने इस अंदाज में कलाम पेश किया,
गले में याद का पट्टा लगा के सोता हूं,
मैं उसके नाम का रट्टा लगा के सोता हूं !
मोहतरमा नाजिया शहरी नैनीताल,ने अपने अंदाज में यूं कहा!
उसी के रास्ते सेआने जाने का सबब क्या है ,
जब उससे ताल्लुक तोड़ बैठे हो!
नैशाद अनगढं संभल,ने शायराना अंदाज़ मे यूं कहा,
नंबर जो मांग वैठे थे एक नीलोफर से हम ,फिर पटटियां कराते फिरे डाक्टर से हम !
राशिद राहत मुरादाबादी ने यूं कहा , मेरे जैसा किसी का हाल नहीं, फिर भी लब पर कोई सवाल नहीं!
डॉ मुनव्वर ताबिश संभल ने इस अंदाज में कलाम पेश किया ,
वो इस अदा से सितम हम पर ढाए जाते हैं ,नजर से तीर जिगर पर चलाएं जाते हैं!
मुशायरा में शायर तारिक इस्लाम गोला ,सरताज मंसूरी शाहजहांपुरी,मुख्तार रायपुरी,अशरफ सिद्दीकी मोहम्मदी,मुख्तार अंसारी कुकरा ,वेदिल भारती गोला,तकी अंसारी कुकरा,आरिफ खान कुकरा ,जावेद आलम कुकरा ,आदिल अंसारी कुकरा ,मधुकरशैदाई गोला,
नेभी कलाम पेश किए!
बजमें चरागे अदब की
अंजुमन में शब्बन खान,अययूब सिद्दीकी,शेर अली,हबीब खान,मौलवी मोहम्मद कासिम,रईस आलम ,सद्दाम अंसारी,शमीम खान,चमन खान,तारिक इस्लाम ,शाबान खान ,नियतमत अली ,मतीन खान ,जाबिरअली ,ने मुशायरा का एहतमाम किया!
