बाघ को पकडने के लिए वन विभाग ने कई स्थानो पर लगाये पिजडे
(एम डी न्यूज़ रिपोर्ट : उप संपादक महेश चन्द)
अजान खीरी। मानव वन्यजीव सघर्ष की बढती घटनाओं को लेकर किसान ग्रामीण और राहगीरों मे दहशत बनी हुई है।हो रही घटनाओं को लेकर शासन प्रशासन और वन विभाग तक चितित है।बाघ को पकडने के लिए वन विभाग ने क ई स्थानो पर पिजडे लगाए हैं।इसके साथ ही अत्याधुनिक कैमरे भी लगाए हैं।वन विभाग की टीमें बाघ की मौजूदगी वाले क्षेत्र में लगातार दौरे कर रही है।इसके बावजूद बाघ अभी पकड से काफी दूर है।
दक्षिणी खीरी वन प्रभाग के अन्तर्गत महेशपुर वन रेंज क्षेत्र के ग्राम इमलिया में गन्ना बाधने गए किसान को बाघ ने अपना निबाला वन लिया था। हमला करने वाले बाघ को वन विभाग अब तक पकड़ नहीं सका है। अब विभाग ने बाघ प्रभावित सरायन नदी के समीप मचान बनाकर बाघ को बेहोश करने की कवायद की है। इस मचान के नीचे पड्डे को बांधा गया है। और पिजरो मे बकरियों को भी बाधा गया है
इमलिया, अजान,घरथनिया और मूंडा जवाहर सहित तमाम गावों में 10 दिनों से बाघ का खौफ बना हुआ है। बाघ को पकड़ने के लिए प्रदेश शासन से अनुमति मिलने के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. दक्ष गंगवार के नेतृत्व में गठित टीमें बाघ की निगरानी में जुटी हैं। दुधवा पार्क से प्रशिक्षित हाथी न आने की वजह से वन विभाग को अब तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। डॉक्टरों की टीम इस मचान पर बैठकर बाघ को पकड़ने की कोशिश कर रही है। वन दरोगा रोहित श्री वास्तव ने बताया कि किसानाें के खेतों में खड़े गन्ने की फसल हाथियों के आने से नष्ट हो सकती है। इसी आशंका के चलते हाथियों को नहीं बुलाया गया। इस वजह से ऊंचा मचान बनाकर बाघ को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा मौसम खराब रहने के कारण बाघ कही छिप गया है। जिससे आज दिखाई नहीं दिया है फिलहाल बाघ बहुत जल्द ही पकड लिया जाये गा
